Bihar Board 12th Chemistry Subjective Question Exam 2024
12th Chemistry

Bihar Board 12th Chemistry Subjective Question Exam 2024: बिहार बोर्ड 2024 परीक्षा के लिए, 12th Chemistry Important Questions, Link Active

Bihar Board 12th Chemistry Subjective Question Exam 2024: बिहार बोर्ड 2024 परीक्षा के लिए, 12th Chemistry Important Questions, Link Active

प्रश्न 1. ‘शॉट्की त्रुटि’ तथा ‘फ्रेंकल त्रुटि’ के बीच क्या अंतर है ?

उत्तर शॉट्की त्रुटि में जालक से कटायन तथा अनायन लुप्त होते हैं जिससे इनका घनत्व कम हो जाता है जबकि फ्रेंकेल त्रुटि में अनायन अपने स्थान को छोड़कर अंतराकाशी साइट में चला जाता है जिससे इनका घनत्व में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

प्रश्न 2. फेरोचुम्बकीय तथा पाराचुम्बकीय में क्या अंतर है ? [2011A]

उत्तर फेरोचुम्बकीय : वैसा पाराचुम्बकीय पदार्थ जो बाहरी आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र हटा लेने के बावजूद चुम्बकीय गुणों को प्रदर्शित करता है, फेरोचुम्बकीय पदार्थ कहलाता है।

पाराचुम्बकीय : वैसा पदार्थ जिसके आर्बिटल में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हो तथा बाहरी आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र के हटाते ही वह चुम्बकीय गुण खो देता है, पाराचुम्बकीय कहलाता है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित यौगिकों में से किसके रासायनिक आबंध में आयनिक अभिलक्षण होगा, LiCI अथवा KCI. [2015A]

उत्तर LiCl, क्योंकि Li का आकार K से बहुत ही छोटा होता है।

प्रश्न 4. (a) उप-सहसंयोजन संख्या (Co-ordination number) का क्या अर्थ है ? [2016A]
(b) निम्न परमाणुओं की उपसहसंयोजन संख्या क्या है ?
(i) घनीय निविड़ संकुलित संरचना में
(ii) अंतः केन्द्रित घनीय संरचना में।
उत्तर (a). 1 ठोस में कोई एक जालक बिन्दु जितने अन्य जालक बिन्दुओं के संपर्क में रहता है, उसे उपसहसंयोजन संख्या कहते हैं। (b) (i) बारह (ii) अंत केन्द्रित घनीय संरचना = 8

प्रश्न 5. उपसहसंयोजन संख्या से आप क्या समझते हैं? cep hee में उपसहसंयोजन संख्या बतायें।

उत्तर उपसहसंयोजन संख्या वह संख्या है जो बतलाता है कि किसी पदार्थ की संरचना में एक अवयवी कण के निकट और कितने अन्य कण अवस्थित है।
ccp में उपसहसंयोजन संख्या = 12

bcc में उपसहसंयोजन संख्या = 8

प्रश्न 6. फ्रेंकल दोष से आप क्या समझते हैं? [B. M. 2019]

उत्तर यह दोष आयनिक ठोस द्वारा दिखाया जाता है। लघुतर आयन अपने वास्तविक स्थान से विस्थापित होकर अंतराकाश स्थान में चला जाता है। यह वास्तविक स्थान पर रिक्तिका दोष और नए स्थान पर अंतराकाशी दोष उत्पन्न करता है। यह ठोस के घनत्व को परिवर्तित नहीं करता है। यह दोष ZnS. AgCl, AgBr, Agl इत्यादि में होता है।

प्रश्न 7. F केंद्र क्या है ?

उत्तर अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों द्वारा भरी ऋणायनिक रिक्तिकाओं को । केंद्र कहते हैं ।

प्रश्न 8. फोटोवोल्टिक सेल क्या है ?

उत्तर अक्रिस्टलीय सिलिकॉन फोटोवोल्टिक सेल के रूप में कार्य करते हैं। ये सूर्य प्रकाश में विद्युत् उत्पन्न करते हैं ।

प्रश्न 9. अतिचालकता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर निम्न तापमान पर जब कोई पदार्थ विद्युत् बहाव का विरोध न करे, यह गुण अतिचालकता कहलाता है ।

प्रश्न 10. बर्फ की प्रकृति छिद्रयुक्त (Porous) क्यों होती ?

उत्तर क्योंकि H, O अणुओं में अंतर- आण्विक हाइड्रोजन आबंधन के कारण बर्फ की संरचना पिंजड़े (Cage) की तरह होती है ।

प्रश्न 11. दाब वैद्युत् (Piezo-electric) क्रिस्टल क्या है ?

उत्तर ये ऐसे क्रिस्टल होते हैं जो यांत्रिक प्रतिबल (mechanical stress) डालने पर वैद्युतधारा उत्पन्न करते हैं।

प्रश्न 12. पद ‘अक्रिस्टलीय (amorphous )’ को परिभाषित कीजिए। अक्रिस्टलीय ठोसों का कुछ उदाहरण दीजिए।

उत्तर ऐसा ठोस जिसका कोई निश्चित ज्यामितीय आकार नहीं होते हैं, अक्रिस्टलीय दोस कहलाता है। उदाहरण सीसा, रबर, प्लास्टिक, सेल्यूलोज आदि।

प्रश्न 13. किसी वर्ग निविड़ संकुलित परत में एक अणु को द्विविमीय उपसहसंयोजन संख्या कितनी होती है ?

उत्तर द्विविमीय वर्ग निविड संकुलित परत (Two dimensional square close pack layer) में कोई विशेष अणु चार अणुओं के सम्पर्क में होता है। अतः अणु की उपसहसंयोजन संख्या चार होती है।

प्रश्न 14. ठोसों का आयतन निश्चित क्यों होता है ?

उत्तर अपनी संरचना में कठोरता के कारण ठोस अपना आयतन बनाये रखते हैं। चूँकि कणों के बीच स्थान नगण्य होता है, दाब डालकर उनका आयतन परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 15. कांच को अतिशीतित द्रव (Super cooled liquid) क्यों माना जाता है ?

उत्तर ठोस होने पर भी काँच को अतिशीतित द्रव माना जाता है क्योंकि यह द्रवों के कुछ अभिलक्षणों को दर्शाता है। उदाहरण के लिए पुराना काँच पैदे पर थोड़ा मोटा होता है। अतः यह द्रवों की तरह बहुत मंद गति से प्रवाहित होता है।

प्रश्न 16. (i) ZnS (i) AgBr द्वारा किस प्रकार का स्टॉइकियोमीट्री दोष दर्शाया जाता है ?
उत्तर (i) ZnS क्रिस्टल में फ्रेंकेल दोष हो सकता है क्योंकि धनायनों का आकार ऋणायनों की तुलना में छोटा होता है।
(ii) AgBr में फ्रेंकेल एवं शॉट्की दोनों दोष हो सकते हैं।

प्रश्न 17. जालक बिन्दु (Lattice point) का अर्थ बताएँ ।

उत्तर जालक बिन्दु जिसे सामान्यतया बिन्दु (.) द्वारा प्रदर्शित करते हैं, ठोस में यूनिट सेल के संघटक कणों को निरूपित करता है। यह परमाणु, अणु या आयत हो सकता है।

प्रश्न 18. ठोस कठोर क्यों होते हैं ?

उत्तर ठोस कठोर होते हैं क्योंकि इसके संघटक कण अति संकुलित (Very Closely Packed) अति निकटता से बंधे होते हैं। इनमें कोई स्थानान्तरण गति (translatory movement) नहीं होती है और ये अपनी माध्य स्थिति के परितः मात्र कम्पन कर सकते हैं।

प्रश्न 19. आयनिक ठोस क्यों गलित अवस्था में चालक होते हैं किन्तु ठोस अवस्था में नहीं ?

उत्तर आयनिक ठोसों में वैद्युत चालकता आयनों की गति के कारण होता है, चूँकि ठोस अवस्था में आयनिक गतिशीलता नगण्य (negligible) होती है, ये इस अवस्था में चालक नहीं होते हैं। गलित अवस्था में उपस्थित आयनों में कुछ गतिशीलता आ जाती है। अतः आयनिक ठोस गलित अवस्था में चालक बन जाते हैं।

प्रश्न 20. संयोजक बैंड अंतराल सिद्धांत क्या है ? चालक, अर्धचालक और अचालक में अंतराल की तुलना करें।

उत्तर चालक बैंड और पूरित बैंड के मध्य अंतराल संयोजक बैंड अंतराल सिद्धांत में अंतराल होता है। यह अंतराल चालक में सबसे कम तथा अचालक में सबसे अधिक होता है।

प्रश्न 21, C6Cl संरचना वाला क्रिस्टल गर्म करने पर NaCl संरचना में परिवर्तित हो जाता है। इसकी उपयुक्त व्याख्या कीजिए ।

उत्तर C&CI संरचना वाले क्रिस्टलीय ठोस AB के घटकों का उपसहसंयोजन 8 : 8 होता है। गर्म करने पर, इसका उपसहसंयोजन 6: 6 में परिवर्तित हो जाता है। इसीलिए, गर्म करने पर यह NaCl संरचना प्राप्त कर लेता है

प्रश्न 22. ठोस प्रायः असम्पीड्य (incompressible) क्यों होता है.
उत्तर ठोस के अवयवी कण इतने निविड संकुलित (निकटता से बंधे) होते हैं कि दाब लगाने पर ये और निकट नहीं आते हैं। इस प्रकार ठोस प्रायः असम्पीड्य होते हैं ।

प्रश्न 23. द्रवों की तुलना में ठोसों में विसरण (diffusion) कम क्यों होता है ?

तुलना में, उत्तर ठोसों में संघटक कण निविड संकुलित होते हैं । द्रवों की जिसमें संघटक कण कम निविड संकलित होते हैं, ठोसों में रिक्त स्थानों की कमी होती है । अतः ठोसों में विसरण प्रायः नगण्य होता है जबकि द्रव विसरित हो सकते हैं।

प्रश्न 24. किस ठोस को उसके गलनांक पर द्रव में बदलने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है । क्यों ?

उत्तर ठोस के गलनांक पर उसके कणों के बीच लगने वाले आकर्षण बल के प्रभाव से मुक्त होने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। वास्तव में ठोस अवस्था की तुलना में द्रव अवस्था में कण अधिक स्वतंत्रतापूर्वक गति कर सकते हैं।

प्रश्न 25, गर्म करने पर धातुओं की चालकता घटती है जबकि अर्धचालकों की चालकता बढ़ती है, वर्णन करें।
उत्तर जब धातुओं को गरम किया जाता है तब कर्नेल (धनायन रिक्ति) अपने स्थान पर दोलन करने लगता है । दोलन से इलेक्ट्रॉन के बहाव में व्यवधान उत्पन्न होता है, अत: चालकता कम होती है । अर्धचालकों में चालकता उसकी अशुद्धियों पर निर्भर है, यदि अशुद्धियों की मात्रा बढ़ती है

प्रश्न 26. यूरिया का गलनांक तीक्ष्ण (sharp) होता है किन्तु काँच का नहीं। व्याख्या कीजिए ।

उत्तर यूरिया एक क्रिस्टलीय ठोस है और इसका गलनांक तीक्ष्ण होता है। दूसरी ओर, काँच एक अक्रिस्टलीय आण्विक ठोस है और इसका गलनांक तीक्ष्ण नहीं होता है।

प्रश्न 27. सोडियम क्लोराइड की तुलना में सीजियम क्लोराइड अधिक स्थायी (stable) होता है । कारण बताइए

उत्तर ज्ञातव्य है कि C.N. का मान उच्च होने पर, निविड संकुलित धनायनों और ऋणायनों में आकर्षण बल अधिक होगा और इस प्रकार, क्रिस्टल जालक का स्थायित्व अधिक होगा । सीजियम क्लोराइड (8 : 8) सोडियम क्लोराइड (616) की तुलना में उच्च C.N, रखता है और इसीलिए प्रकृति में अधिक स्थायी होता है ।

प्रश्न 28. लौह चुम्बकीय और फेरी चुम्बकीय पदार्थ गर्म करने पर अनुचुम्बकीय हो जाते हैं। विवेचना कीजिए ।

उत्तर जब लौह चुम्बकीय ह निश्चित ताप क्यूरी ताप कहलाता है। यह इलेक्ट्रॉन चक्रणों या उनके चुम्बकीय आघूर्ण के पुनरानुरेखण के कारण होता है जो कि अब एक विशिष्ट दिशा में अभिविन्यासित (oriented) होती है।

प्रश्न 29. गैस लाइटर दबाने पर ज्वाला उत्पन्न करता है। व्याख्या कीजिए ।

उत्तर कुछ गैस लाइटर दाब वैद्युत् क्रिस्टलों के बने होते हैं। जब दाब लगाया जाता है तो क्रिस्टल में घटकों के विस्थापन के कारण चिंगारी निकलती है । परिणामस्वरूप लाइटर में उपस्थित ईंधन गैस आग पकड़ लेती है और इस प्रकार ज्वाला उत्पन्न होती है।

प्रश्न 30. सोडियम क्लोराइड का गलनांक सोडियम के गलनांक की तुलना में अधिक होता है। उचित कारण बताइए ।

उत्तर सोडियम क्लोराइड एक आयनिक ठोस है, जिसमें Na★ एवं Cr आयनों के बीच आकर्षण का प्रबल कूलॉम बल होता है। किन्तु सोडियम एक धात्विक ठोस है जिसमें आकर्षण का बल तुलनात्मक रूप से (comparatively) दुर्बल (weak) होता है । इसलिए सोडियम क्लोराइड का गलनांक सोडियम के गलनांक से अधिक होता है ।

 

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